Economic Offenses Unit-ईओयू द्वारा भोजपुर एसपी को पत्र लिख मांगा गया आपराधिक रेकॉर्ड
खबरे आपकी आरा। आय से अधिक तथा अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में फंसे भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के मुजफ्फरपुर गांव निवासी पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज और भाई-भतीजों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। इनके आवास और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी करने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम अब आठ भाई-भतीजों के आपराधिक इतिहास भी खंगालने में जुट गयी है।
Economic Offenses Unit-आर्थिक अपराई इकाई थाने में दर्ज केस में अध्यक्ष, उनके भाई और भतीजे सहित आठ हैं आरोपित
इसे लेकर ईओयू द्वारा भोजपुर पुलिस से आठों के खिलाफ दर्ज कांडों की जानकारी मांगी है। इस सिलसिले में आर्थिक अपराध इकाई के एएसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर द्वारा भोजपुर एसपी को पत्र लिखा गया है। उसमें आर्थिक अपराध इकाई थाना कांड संख्या-18/2021 दिनांक 20/9/2021 के अभियुक्तों के खिलाफ जिले के थानों में दर्ज कांडों और आपराधिक इतिहास उपलब्ध कराने की मांग की गयी है। कहा गया है कि बालू खनन, भंडारण या परिवहन से सबंधित या कोई भी कांड दर्ज हो, तो उसकी विवरणी और आपराधिक इतिहास उपलब्ध कराया जाये।
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भोजपुर एसपी को भेजे गये पत्र के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई थाने में दर्ज केस में मुजफ्फरपुर गांव निवासी नरेंद्र कुमार धीरज, उनके भाई सुरेंद्र सिंह, शशिभूषण सिंह, श्याम बिहारी सिंह, वीरेंद्र सिंह, विजयेंद्र कुमार विमल, अशोक कुमार और भतीजा धर्मेंद्र कुमार आरोपित हैं। उस कांड को लेकर पिछले 21 सितंबर को सभी भाइयों और भतीजे के मकान सहित अन्य प्रतिषठानों पर ईओयू की ओर से छापेमारी हुई थी। उसमें करीब साढ़े नौ करोड़ की संपत्ति का पता चला था। बताया गया था कि संपत्ति आय से कई सौ गुणा अधिक थी।
ट्रक चालकों से अवैध वसूली के चक्कर में खुल गया काली कमाई का पोल
ट्रक चालकों से अवैध वसूली करने के चक्कर में सिपाही की नौकरी कर धनकुबेर बने नरेंद्र कुमार धीरज और उनके परिवार की काली कमाई का पोल खुल गया। बताया जा रहा है कि नरेंद्र कुमार धीरज बिहार पुलिस में सिपाही की नौकरी करते हैं। वह पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उनका परिवार ट्रांसपोर्ट के अलावे कुछ अन्य व्यवसाय से जुड़ा है।
वैसे तो उनके भाई और भतीजे पर पुलिस की सांठगांठ से पहले से ही अवैध धंधा करने और ट्रक व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशान करने के आरोप लगते रहे थे। लेकिन जून माह सहार थाने की पुलिस की मिलीभगत से ट्रक चालकों से अवैध वसूली में संलिप्तता में उनके भाई के पकड़े जाने के बाद विरोध तेज हो गया। उसे लेकर उनके और परिवार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई में शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी। उस आधार पर ईओयू ने जब जांच शुरू की, तो काली कमाई सामने आ गयी। अभी पांच अक्टूबर को भी उनके दो भाइयों के खिलाफ धोखे से तीन के बदले 72 डीसमील जमीन रजिस्ट्री करा लेने का केस किया गया है।
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