Makar Sankranti: मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को शहर समेत जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार की सुबह शुभ मुहूर्त और पुण्यकाल में लोगों ने स्नान किया और सूर्य देव की उपासना की।
- हाइलाइट :-
- गंगा व सोन के संगम पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
- मकर संक्रांति के बाद खरमास समाप्त,मांगलिक कार्य हो जाएंगे शुरू
Makar Sankranti: खबरे आपकी
मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को शहर समेत जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार की सुबह शुभ मुहूर्त और पुण्यकाल में लोगों ने स्नान किया और सूर्य देव की उपासना की। इसके बाद गरीबों व पंडितों को तिल, चावल, गुड व खिचड़ी में उपयोग होने वाली सामग्री दान की। भगवान विष्णु की पूजा कर घर में सुख, शांति व समृद्धि की कामना भी की गयी।
स्नान के बाद लोगों ने चूड़ा, दही, गुड और आलू दम की सब्जी खायी। घरों में तिल व गुड़ के लड्डू बनाए गए थे। साथ ही बच्चों ने पतंग उड़ाई और खूब मौज मस्ती की। इधर,कई जगहों पर युवाओं ने बधार में जाकर चने के साग भी खाया।
गंगा व सोन के संगम पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
मकर संक्रांति पर गंगा व सोन के संगम स्थल बिंदगावां घाट से लेकर कोईलवर सोन नदी में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा पूजा अर्चना की। सोन किनारे लगे मेले का लुत्फ लोगों ने जमकर उठाया। गंगा व सोन नद के संगम स्थल बिंदगावां में भी पूरे दिन संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
बता दें कि चने का साग मकर संक्रांति पर खाया जाता हैं। कई संस्थानों और पार्टी संगठनों की ओर से दही चूड़ा भोज का आयोजन भी किया। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। दिन में दही चूड़ा व रात में बनी खिचड़ी संक्रांति पर दिन में लोगों ने दही चूड़ा, गुड़ और तिलकुट का आनंद उठाया। जबकि सब्जी में आलू गोभी खाया। साथ ही अपने करीबियों को भी भोज कराया। वहीं रात खाने में खिचड़ी का सेवन किया। इसे ले हर घरों में खिचड़ी व अन्य पकवान बनाये गए। खिचड़ी में नये चावल का प्रयोग किया गया। इसके साथ पापड़ और चोखा का लुत्फ उठाया।
मांगलिक कार्य शुरू
मकर संक्रांति के बाद खरमास समाप्त हो जाता है। इसके बाद से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस दिन भगवान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मंगलवार से शुभ मुहूर्त का कार्य शुरू हो जायेगा। बता दें कि जनवरी माह में काफी लग्न है। जिनके घर शादी विवाह है वे तैयारियों में जुट गये हैं।