Sunday, December 22, 2024
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रिश्ते का कत्लः पैसे के लिये अपना ही भाई बन गया बहन की खुशियों का कातिल

Masad Ara ससुर बोले: दामाद को करते हैं जान से अधिक प्यार, साले ने कर दिया खून

रक्षा सूत्र बांध कर भाई के सलामती की दुआ मांगती रही बहन

दोस्तों के साथ भाई ने बहन के पति का कर दिया कत्ल

मो.वसीम खबरे आपकी Masad Ara आरा। भाई-बहन का रिश्ता सबसे पवित्र और मजबूत माना जाता है। बहन रक्षा सूत्र बांध भाई की सलामती की दुआ करती है। भाई भी बदले में बहन की सारी उम्र रक्षा का वचन देता है। लेकिन शहर में रहने वाले गुड्‌डू सिंह नामक युवक ने पैसों के लिये इस रिश्ते का कत्ल कर दिया। उसने तीन-चार लाख रुपये के विवाद में बहनोई की हत्या कर बहनी की सारी खुशियां छीन ली। बहन ने जिस भाई की खुशियों के लिये सबकुछ किया। उसी भाई ने उसका सुहाग उजाड़ दिया। भाई के कारण पूजा अब विधवा की जीवन जीने को मजबूर हो गयी है। वहीं दो मासूम भांजों से भी पिता का प्यार छीन लिया। हालांकि पूजा के पिता दामाद की हत्या में बेटे का हाथ होने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना था कि अंकज द्वारा बेटे को फंसाया गया है। उनका कहना था कि हमलोग तो उमेश को जान से भी अधिक प्यार करते थे। लेकिन अजीब बिडंबना है कि एक तरफ वह कह रहे थे कि उनका परिवार दामाद को खूब प्यार करते हैं। दूसरी ओर उनका बेटा ही बहनोई की हत्या करा देता है।

एसपी की मानें तो जीजा-साला मिलकर अवैध शराब का धंधा करते थे। उससे लेकर जीजा-साले में तीन-चार लाख का विवाद था। उसी में साले ने दोस्तों के साथ बहनोई की हत्या करा दी। इधर, हत्या के बाद उमेश के परिवार में कोहराम मचा है। पति के वियोग में पूजा बेहाल थी। रो-रोकर उसका बुरा हाल था। दोनों बच्चे भी बिलख रहे थे। इस हादसे ने उसके परिवार को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ जहां पूजा का सुहाग उजड़ गया, तो दूसरी ओर उसका भाई भी जेल चला गया। बताया जा रहा है कि पूजा की शादी 2014 में उमेश के साथ हुई थी। दोनों को दारा सिंह और रूद्र प्रताप सिंह नाम के दो पुत्र भी हैं। 

शराब पीने के विवाद के बाद सीआरपीएफ से बर्खास्त हुआ था उमेश

Masad Ara आरा मसाढ़ गांव निवासी उमेश कुमार सिंह सीआरपीएफ में नौकरी करता था। लेकिन शराब पीने के विवाद के कारण उसे बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद वह आरा में रहने लगा था। उसके ससुर बलवंत सिंह ने बताया कि नौकरी के दौरान शराब पीने को लेकर विवाद के बाद उमेश कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया था। फिलहाल वह आरा में किराये के मकान में परिवार के साथ रहता था। वह एलआईसी के अलावे जमीन और पैसे के लेनदेन का कारोबार करता था। उन्होंने बताया कि उनके गांव के अंकज कुमार भी फौज में था। उस पर पूर्‌व में अपहरण का आरोप लगा था। उसके बाद उसे भी बर्खास्त कर दिया गया था। उनका कहना था कि उनके दामाद उमेश और अंकज दोस्त थे। 24 फरवरी की दोपहर भी उमेश उसे के बुलाने पर गया था। उसके बाद दोनों के बीच क्या हुआ। यह पता नहीं चल पाया है। 

दोपहर में दिया आवेदन और रात को मिल गया शव

Masad Ara पूर्व फौजी के अपहरण की सूचना के बाद परिजन जब पुलिस के पास पहुंचे। तब उसकी हत्या कर दी गयी दी गयी थी। इस बात का अंदेशा उसके ससुर की बात से लग रहा है। ससुर बलवंत सिंह ने बताया कि उनके दामाद 24 फरवरी की दोपहर अपने घर से निकले थे। शाम तक नहीं लौटे, तो समझे कि गांव चले गये हैं। 25 फरवरी की सुबह जब रंगदारी का मैसज आया तो अपहरण की जानकारी मिली। उसके बाद उसी दिन ले लोग एसपी से मिलने गये। लेकिन एसपी से भेंट नहीं हो सकी। 26 फरवरी उनकी बेटी द्वारा एसपी और नवादा थाने को आवेदन दिया गया। उसी रात शव मिलने की सूचना आ गयी। 

पूर्व फौजी के सिर और छाती में मारी गयी थी गोली

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सीआरपीएफ से बर्खास्तगी के बाद आरा में रहकर धंधा करने वाले उमेश कुमार सिंह (Masad Ara) को चार से पांच गोली मारे जाने की बात सामने आ रही है। जिस अंदाज में उसे गोली मारी गयी है, उससे गहरी दुश्मनी का अंदेशा लगाया जा रहा है। शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम के लिये सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां पहले शव का एक्स-रे कराया गया। उसमें पांच गोली मारने की आशंका जतायी गयी है। इसमें एक गोली कनपटी के पांस फंसी थी। जिसे पोस्टमार्टम से पहले निकाला गया। इसके अलावे छाती में भी तीन से चार जगहों पर गोली के निशान मिलने की बात सामने आयी थी। 

अपहरण और हत्या के बीच पूर्व फौजी की किन-किन से हुई बात, मोबाइल से खुलेगा राज 

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पुलिस पूर्व फौजी की हत्या का पूरा राज खोलने में जुटी है। इसके लिये उसके और उसके साले के मोबाइल का सीडीआर खंगाल रही है। हालांकि हत्यारों ने पूर्‌व फौजी का मोबाइल गायब कर अपनी बाजी चल दी है। लेकिन पुलिस सर्विलांस के आधार पर मोबाइल के सीडीआर की जांच कर रही है। पुलिस यह पता करने का प्‌रयास कर रही है कि अपहरण और हत्या के बीच उसके मोबाइल का लोकेशन कहां-कहां था। उसके मोबाइल से किन-किन लोगों से बात की गयी है। उसके साले और अंकज के भी मोबाइल की पूरी डिटेल्स की जांच की जा रही है। बता दें कि पूर्‌व फौजी बाइक लेकर घर से निकला था। हत्या के बाद उसकी बाइक तो बरामद कर ली गयी है। लेकिन उसके मोबाइल का पता नहीं चल सका है।

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कैसे और कब हुई घटना 

24 फरवरी: दोपहर 12: 30 में पूर्व फौजी घर से निकला

25 फरवरी: सुबह 5:20 बजे उसकी पत्नी के मोबाइल पर आया रंगदारी का मैसेज

25 फरवरी: पूर्व फौजी की पत्नी पिता के साथ एसपी ऑफिस गयी

26 फरवरी: पूर्व फौजी की पत्नी द्वारा एसपी और थाने को दिया गया आवेदन

26 फरवरी: रात 11: 35 बजे थाने से पूर्व फौजी की पत्नी को पुलिस से मिली शव की खबर

26 फरवरी: रात 12 बजे पत्नी और ससुर पहुंचे सदर अस्पताल

MD WASIM
MD WASIM
Journalist
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