Masks and gloves Not : शाहपुर नगर पंचायत के एनजीओ द्वारा सफाई कर्मियों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है। कचरा उठाने के लिए उचित साधन, दस्ताने तक नहीं दिये गये हैं।
- हाइलाइट : Masks and gloves Not
- बगैर दस्ताने व माक्स के काम कर रहे शाहपुर नपं के सफाई कर्मी
Masks and gloves Not आरा/शाहपुर: सुबह होते ही झाड़ू लगाकर व कूड़ा करकट उठाकर शाहपुर नगर पंचायत को साफ-सुथरा बनाने की जिम्मेदारी जिन सफाई कर्मियों पर है उन पर हर पल संक्रमण का खतरा बना रहता है। सुरक्षा के नाम पर इनके पास दस्ताने व माक्स तक नहीं हैं। इस कारण कई सफाई कर्मियों ने काम छोड़ दिया है, वही कुछ कर्मी जो डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए कचरा गाड़ी लेकर सुबह से वार्डों में घूमते हैं। यह सफाई कर्मी कचरा संग्रहण के साथ वार्डों व नगर की गलियों में फैली गंदगी को बिना दस्ताने और बिना मास्क लगाये उठा रहे हैं। इससे इनमें हरवक्त संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है।
शाहपुर नगर पंचायत के एनजीओ द्वारा सफाई कर्मियों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है। कचरा उठाने के लिए उचित साधन, दस्ताने तक नहीं दिये गये हैं। इस कारण इनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसके अलावा नगर के नालों से गंदगी निकालने के लिए सुरक्षा के कोई साधन नहीं दिये जाते हैं। इस कारण गंदा पानी सड़कों पर पसरा रहता है। क्योंकि नाला-नाली में जहरीले जीव-जंतुओं से उनकी जान पर खतरा मंडराता रहता है। इस कारण सफाई तक नहीं हो रही है।
एनजीओ सहित कुल 49 सफाई कर्मी हैं नगर पंचायत के पास
शाहपुर नगर पंचायत के 11 वार्डों की साफ-सफाई के लिए कुल 49 सफाई कर्मचारी हैं। इसमें नगर पंचायत के 09 स्थाई और 40 सफाई कर्मचारी आउट सोर्सिंग कंपनी प्रताप सेवा संकल्प गोविंद फूलकान, मुजफ्फरपुर के एनजीओ के तहत संबद्ध हैं। डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए एनजीओ के पास कोई वाहन नहीं हैं। डोर-टू-डोर कचरा उठाने के दौरान कर्मचारियों को मिलने वाले मास्क एवं दस्ताने किसी भी किसी सफाई कर्मचारियों के पास नहीं है।
स्वच्छता पर होता है काफी खर्च
स्वच्छता, स्वास्थ्य और नगर को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए नगर पंचायत शाहपुर एनजीओ पर पानी की तरह पैसा बहा रही है। नगर पंचायत से इन्हें सभी संसाधन तक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके बावजूद नगर की स्थिति नरक की हो गई है। वही नगर के स्थायी सफाई कर्मी जो वास्तव में जो नगर को स्वच्छ बनाये रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनकी सुरक्षा पर उदासीनता बरती जा रही है। श्रम विभाग भी सफाई कर्मियों के अधिकारों को हनन नहीं रोक पा रहा है।
असुरक्षित तरीके से करते हैं सफाई
सफाई कर्मी असुरक्षित तरीके से कुड़े का उठाव करते हैं। उनके मुंह पर न तो मास्क होता है और न हाथों में दस्ताने होते हैं। हर माह लाखों रुपये खर्च के बावजूद सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। नालियों व सड़क की सफाई करते समय वे हर पल संक्रमण का सामना करते हैं। इसके कारण कई सफाईकर्मी चर्मरोग और फेफड़े की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। वही सफाई कर्मियों का कहना है की कई बार मांग की गई लेकिन दस्ताने, मास्क, बूट नहीं दिये जा रहे हैं।
जल्द होगा समस्या का समाधान
वही नपं के स्वच्छता पर्यवेक्षक पदाधिकारी मंजीत अरोड़ा का कहना है की हां कुछ समस्याएं हैं, जिनका जल्द ही समाधान कर लिया जायेगा। इसके लिए प्रयास भी शुरू कर दिया गया है। सुरक्षा उपकरणों में कमी है तो इसे भी जल्द दूर किया जायेगा।