Shahpur flood area- सीओ पंकज कुमार झा ने कहा कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी
खबरे आपकी आरा/शाहपुर: शाहपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विस्थापित लोगों के लिए प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। इस कड़ी में विस्थापित लोगों के लिए समुदायिक रसोई चलाया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन करीबन तीन हजार से ज्यादा लोग खाना खा रहे हैं। बारिश के मद्देनजर प्रभावित लोगों के बीच 6 हजार से ज्यादा पॉलिथीन शीट का वितरण भी किया जा चुका है।
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Shahpur flood area-बीमार लोगों के लिए एनडीआरएफ की वाटर एंबुलेंस तैनात
वही विस्थापित लोगों के लिए प्रशासन द्वारा तीन मेडिकल टीमों का गठन कर उन्हें इलाज के लिए कैंप में भेजा गया है। साथ ही साथ वाटर एंबुलेंस भी एनडीआरएफ की टीम के साथ लगातार अपनी सेवाएं बीमार लोगों को दे रही। एनडीआरएफ की टीम द्वारा अब तक 2 गर्भवती महिलाओं तथा एक न्यूमोनिया से पीड़ित बच्चे का रेस्क्यू सुदूर गांवों से किया गया।
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सभी कैंपों के नोडल पदाधिकारी तथा कर्मचारियों को सीओ पंकज कुमार झा द्वारा निर्देश दिया गया है कि विस्थापितों के लिए राहत कार्य में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। साथ ही साथ नोडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि शाम ढलते ही रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था सुबह तक की जाए। ताकि कैम्पों के आसपास विषैले जीव जंतु ना आ सके। सीओ द्वारा लगातार कैम्पो का निरीक्षण किया जा रहा है।
क्या कहते है अधिकारी-अंचलाधिकारी पंकज कुमार झा ने बताया कि प्रखंड के कुल 20 पंचायते पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित है। जबकि शाहपुर नगर पंचायत के कुछ वार्ड भी आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ से विस्थापित लोगो के लिए 11 सामुदायिक रसोई के एनडीआरएफ के टीम के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। पढ़े- आरा सदर अस्पताल बना अखाड़ा: दो डॉक्टरों के प्राइवेट स्टाफ में भिड़ंत
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए वाटर एम्बुलेंस भी लगातार सेवा दे रही है जबकि अलग अलग स्थानों पर विस्थापित लोगो के लिए 3 मेडिकल कैम्प चल रहा है। साथ ही लोगो को निःशुल्क दवाओं भी दिया जा रहा है। पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित पंचायतों में लक्षुटोला, दामोदरपुर, बहोरनपुर, सुहियां, गौरा, करजा, बरिसवन, सेमरिया, हरिहरपुर, लालू के डेरा, देवलपुर बहादुरी, खुटहा, सरना, प्रसौन्डा, ईश्वरपुरा, सहजौली,भरौली, बिलौटी, झौवां-बेनवलिया तथा डुमरिया पंचायत शामिल है। वही 107 गांव पूरी तरह से प्रभावित। अंचल द्वारा 80 नाव परिचालन कराया जा रहा है। जबकि 6875 हेक्टेयर खड़ी फसल में बाढ़ का पानी प्रवेश किया हुआ है।