रघुवंश बाबू (MNREGA MAN) की बात जब भी आएगी तो सबसे पहले मानस पटल पर लालूजी की दोस्ती,उनकी सहज,सरल,गंवई अंदाज और बेबाक बयानी वाली छवि अंकित होगी-हीरा ओझा
बिहार:आरा/शाहपुर:- राजद नेता हीरा ओझा ‘मनरेगा मैन’ MNREGA MAN को अंतिम विदाई देने महनार प्रखंड के हसनपुर तीनमुहानी गंगा घाट पर पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित किये। पार्थिव शरीर के गंगा घाट पर पहुचने के साथ ही वहां सैकड़ो लोग अपने प्रिय जन नेता को अंतिम विदाई देने एवं अंतिम दर्शनों के लिए पहले से ही व्याकुल दिखे। पार्थिव शरीर गंगा घाट के किनारे पहुंचने से लेकर दाह संस्कार तक वातावरण में रघुवंश प्रसाद सिंह अमर रहे,जब तक सूरज चांद रहेगा रघुवंश प्रसाद का नाम रहेगा,देश के दूसरा गांधी अमर रहे,जैसे नारों से गूंजता रहा।
गंगा घाट पर अपार जनसमूह के बीच उपस्थित होकर राजद नेता हीरा ओझा ने अपने प्रिय जन नेता को अश्रुपूर्ण नेत्रों से अंतिम विदाई दी। राजद नेता हीरा ओझा ने कहा कि इनके (MNREGA MAN) जैसा ना कोई हुआ ना कोई दूसरा होगा। रघुवंश बाबू की बात जब भी आएगी तो सबसे पहले मानस पटल पर लालूजी की दोस्ती,उनकी सहज,सरल,गंवई अंदाज और बेबाक बयानी वाली छवि अंकित होगी। समाजवादी धारा से जुड़े रहे रघुवंश बाबू का गांव-समाज से प्रेम किसी से छिपा नही था। जब वे केंद्र में ग्रामीण विकास मंत्री रहे,तब मनरेगा को लागू कराने में उनकी अहम भूमिका रही थी। अंतिम सांस लेते वक्त तक उनकी जुबान पर मनरेगा की चिंता रही थी। कुछ लोग उन्हें ‘मनरेगा मैन’ भी कहते थे। निश्चय ही गांव के गरीब गुरबा के प्रति रघुवंश बाबू के इस अप्रितम योगदान को भुलाया नही जा सकता।
राजद नेता हीरा ओझा ने कहा कि सिद्धान्त की राजनीति करनेवाले रघुवंश बाबू का लालूजी के प्रति अपार स्नेह भुलाया नही जा सकता। लालूजी भी रघुवंश बाबू को राजनीतिक संत के तौर अपनी दोस्ती की मिशाल कायम करते रहे और जब रघुवंश बाबू ने चिठ्ठी लिखी तो लालू जी के पास सूचना पहुंचते ही उन्होंने बिना देर किए जेल प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर चिठ्ठी लिखा कि रघुवंश बाबू आप कहि नही जा रहे है पर विधि का विधान किसके वश में है।
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