Ara jail – Prisoner: आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाजरत जेल के विचाराधीन बंदी की मौत हो गई। इलाज के दौरान बुधवार की रात उसने दम तोड़ दिया।
- हाइलाइट : Ara jail – Prisoner
- तबियत बिगड़ जाने से जेल के विचाराधीन बंदी की मौत
- इलाज के दौरान सदर अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में तोड़ा दम
- परिजन द्वारा जेल पुलिस पर मारपीट करने के कारण उसके मौत होने का लगाया जा रहा है आरोप
Ara jail – Prisoner: आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाजरत जेल के विचाराधीन बंदी की मौत हो गई। इलाज के दौरान बुधवार की रात उसने दम तोड़ दिया। वही मृत बंदी के दाहिने हाथ के अंगूठा के बगल में काला रंग का निशान पाया गया है। जिसके कारण परिजन द्वारा जेल पुलिस पर मारपीट करने के कारण उसकी मौत होने का आरोप लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मृतक बंदी चरपोखरी थाना क्षेत्र के बगही टोला गांव निवासी सुरेंद्र चौधरी का 25 वर्षीय पुत्र संतोष चौधरी है।
वही इस मामले में सहायक पुलिस अधीक्षक परिचय कुमार ने बताया कि जेल के बंदी चरपोखरी निवासी सुरेंद्र चौधरी के पुत्र संतोष चौधरी की बुधवार की रात इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गई है। उसे शराब के मामले में चरपोखरी थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उन्होंने बताया कि जेल के वार्ड में कार्यरत जवान द्वारा मृतक बंदी के साथ मारपीट के मामले की जानकारी हमें नहीं है। जेल में सीसीटीवी कैमरे लगे है। उनकी भी तलाशी ली जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावे उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट बहाल कर शव का वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही विधि संगत कार्रवाई की जाएगी।
इधर, मृत बंदी के पिता सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि तबीयत खराब होने के बाद बुधवार को जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। सूचना पाकर वह अपने वकील के साथ सदर अस्पताल पहुंचे और उसे देखा तो उसके पैरों पर जख्म का निशान था। तभी उन्होंने सिपाही से पूछा कि उंसके पैर पर जख्म के निशान कैसे हैं, तो उनके द्वारा बताया गया कि वह वार्ड में हल्ला कर रहा था। इसलिए दो डंडा मार दिया था। जिसके बाद उन्होंने उसे मारने से मना भी किया था। उसके बाद उन लोगों ने उसे खाना व मिठाई खिलाकर घर चले गए।
जाने से पहले उन्होंने कहा था कि मैं कल भी उसे देखने आऊंगा। इसी बीच बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे जेल प्रशासन द्वारा फोन कर उन्हें सूचना दी गई के उसकी तबीयत काफी सीरियस हो गई है। तभी उन्होंने कहा कि ठीक है हम लोग आ रहे हैं। जब वह रास्ते में थे तभी उनके फोन करने के दस मिनट बाद जब उन्होंने दोबारा जेल प्रशासन पर फोन किया, तो उन्होंने कहा कि उसकी डेथ हो गई है। परिजन गाड़ी रिजर्व कर आरा सदर अस्पताल पहुंचे। वहीं दूसरी ओर मृतक के बंदी के पिता सुरेंद्र चौधरी ने जेल प्रशासन द्वारा मारपीट करने के कारण अपने बेटे की मौत होने की बात कही है।
चिकित्सकों की बोर्ड ने शव का किया पोस्टमार्टम
आरा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा के निर्देश अनुसार तीन सदस्यीय चिकित्सकों का बोर्ड गठित व वीडियोग्राफी कर शव पोस्टमार्टम कराया गया। तीन सदस्यीय चिकित्सक की बोर्ड में ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ.केएस चौबे, डॉ. सरोज कुमार एवं डॉ.आरएन यादव शामिल थे। वहीपुलिस द्वारा बनाए गए मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार मृतक बंदी की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान होना प्रतीत होता है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगा। बहरहाल पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है।
तीन भाई और एक बहन में मंजिल था संतोष
आरा जेल में बंद विचाराधीन बंदी संतोष की मौत के बाद उसके घर में कोहराम मच गया। बताया जाता है कि मृतक अपने तीन भाई व एक बहन भाई में दूसरे स्थान पर था। उसकी शादी वर्ष 2015 में हुई थी। उसके परिवार में मां राधिका देवी, पत्नी कांति देवी, तीन पुत्र प्रियांशु, प्रिंस, पंकज व दो पुत्री रुक्मणी एवं छोटी है। उसकी मां राधिका देवी,पत्नी कांति देवी एवं परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।