Bhojpuriya samaj का बुधवार को प्रातः साढे़ 9 से 2 बजे तक चला उपवास
खबरे आपकी आरा। आरा रेलवे स्टेशन पर भोजपुरी चित्रकला को सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए दो दिवसीय उपवास प्रारंभ किया गया। जो प्रातः 9.30 से 2 बजे तक चला। उपवास करने वालों में अशोक मानव, भास्कर मिश्र, विजय मेहता, कमलेश कुंदन, रौशन राय, डॉ. जितेन्द्र शुक्ल, काजल सिन्हा एवं अनिल राज थे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी कृष्णेन्दु ने कहा कि चित्र की महत्ता जीवन के हर अवसर पर है। जनसंख्या की तुलना में कलाकारों की संख्या भले कम हो, लेकिन इनकी आवाज में ताकत होती है। अभय विश्वास भट्ट ने कहा कि विभिन्न विधाओं के लोग इससे जुड़कर इस आंदोलन को मजबूत बना रहे हैं।
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रंगकर्मी डेजी खान ने कहा कि इस आंदोलन में अन्य विधाओं के कलाकारों की समस्या को जोड़ने से इसका स्वरूप और बड़ा हो जाएगा। डॉ. जितेन्द्र शुक्ल ने कहा कि स्थानीय सांसद और विधायक को इन कलाकारों की आवाज को सक्षम पदाधिकारियों तक पहुंचा कर सकारात्मक निदान निकलवाना चाहिए।
अनिल राज ने Bhojpuriya samaj लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी इस आंदोलन को बढ़ चढ़ कर सहयोग दें, तभी इस अनुगूंज की गूंज से सक्षम पदाधिकारियों की नींद खुलेगी। विजय मेहता ने कहा कि पूर्व की चूक को सुधारने का यह प्रयास है। हमारा लक्ष्य भोजपुरी चित्रकला को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना है। कमलेश कुंदन ने कहा कि कलाकार अहिंसक होते हैं। हम अपनी रोजी रोटी और हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। रौशन राय ने कहा कि यह कला वैदिक काल से ही चली आ रही है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए भास्कर मिश्र ने कहा कि लुप्तप्राय हो रही इस चित्रकला के सशक्त पहचान को बचाने की जिम्मेवारी हमारी है। अगर यह पीढ़ी इस कार्य में सफल नहीं रही तो ये इतिहास की वस्तु बन कर रह जायेगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में जेपी यादव, संजय कुमार सिंह, किशन सिंह,संजय सिंह, केपी शास्त्री, मनोज श्रीवास्तव आदि प्रमुख थें।
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