Mukhiya killed in Bhojpur-भोजपुर में आठ साल के दौरान मारे गये चार मुखिया, तीन बने गोलियों के शिकार
उदवंतनगर, आयर, गड़हनी के बाद अब चरपोखरी में हुई घटना
आरा।कृष्ण कुमार/ भोजपुर जिले में ग्राम पंचायत के प्रधान यानी मुखियाओं की हत्या कोई नई बात नही है। इससे पहले भी यह सिलसिला चलता रहा है। वर्चस्व, गंवई राजनीति और आपसी विवाद में यहां आठ साल में चार मुखियाओं की हत्या की जा चुकी है। इनमें तीन गोली के शिकार हो गये हैं।
Mukhiya killed in Bhojpur-2013 में उदवंतनगर और आयर थाने में की गयी थी दी मुखियाओं की हत्या
वर्ष 2013 में दो चर्चित मुखियाओं की हत्या कर दी गयी थी। उनमें एक अखिल भारतीय राष्ट्रवादी किसान संगठन के जिलाध्यक्ष सह इचरी पंचायत के मुखिया विनोद सिंह थे। उनकी हत्या जिले में किसी मुखिया की पहली हत्या थी। 26 फरवरी 2013 की शाम उनको गोली मार हत्या कर दी गयी थी। मुखिया विनोद सिंह आयर थाना क्षेत्र के इचरी गांव निवासी गुप्तेश्वर सिंह के पुत्र थे। घटना की शाम वह हदियाबाद गांव से बाइक ने अपने घर लौट रहे थे। उसी दौरान आयर थाना क्षेत्र के चिरापुर मोड़ के पास हथियार बंद अपराधियों ने मुखिया को अपने कब्जे में ले लिया। उसके बाद सीने और कनपट्टी में ताबड़तोड़ गोली मार दी गयी थी। उनकी हत्या के बाद जमकर बवाल मचा था।
बूटन चौधरी की नजदीकी मुखिया चंपा देवी की हत्या
वर्ष 2013 के दिसंबर माह में उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर पंचायत की मुखिया चंपा देवी की रस्सी से गला घोंट हत्या कर दी गयी थी। मुखिया चंपा देवी कुख्यात बूटन चौधरी की नजदीकी थी। उनकी हत्या में बूटन चौधरी के विरोधी गुट पर लगा था।
गड़हनी थाने के सहंगी गांव में पांच अगस्त 2019 को मारे गये थे बराप मुखिया
पांच अगस्त 2019 की रात गड़हनी थाना क्षेत्र के संहगी गांव में बराप पंचायत के मुखिया अरुण सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। वह भी दूसरी बार मुखिया बने थे। पांच अगस्त की रात गांव में उनके सर में गोली मार कर दी गयी थी। हत्या का आरोप उनके ही गांव के कुछ लोगों पर लगा था। उनकी हत्या के करीब दो साल बाद चरपोखरी थाना क्षेत्र भलुआना गांव के पास बाबूबांध पंचायत के मुखिया संजय सिंह के सर में गोली मार मौत के घाट उतार दिया गया।