Imran murder case – एडीजे-9 मनोज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई सजा
बैग व्यवसायी इमरान हत्याकांड में कुख्यात खुर्शीद कुरेशी समेत 10 अभियुक्तों को सजा ए मौत
न्यायालय ने सभी अभियुक्तों पर विभिन्न धाराओ के अन्तर्गत 2 लाख 60 हजार जूर्माना लगाया
आरा। बहुचर्चित बैग व्यवसायी मो. इमरान हत्याकांड (Imran murder case) में आरा की अदालत ने कुख्यात खुर्शीद कुरैशी समेत 10 अभियुक्तों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। एडीजे- 9 मनोज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनायी। न्यायालय ने सभी अभियुक्तों पर विभिन्न धाराओ के अन्तर्गत 2 लाख 60 हजार जूर्माना लगाया। ढाई बर्ष बाद अदालत का फैसला आने के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।
सजा पाने वाले में खुर्शीद कुरैशी, उसके भाई अब्दुल्ला कुरैशी, नाजीरगंज के राजू खान, रौजा मोहल्ला के अनवर कुरैशी, मिल्की मोहल्ला के अहमद मियां, खेताड़ी मोहल्ला के बब्ली मियां, तौशिफ आलम व फुरचन उर्फ फुचन मियां, रोजा के गुड्डू मियां व अबरपुल मुहल्ला शमशेर मियां हैं। केस की सुनवाई सिविल कोर्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रुम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अभियुक्तों की पेशी हुई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता भुनेश्वर तिवारी, अमित कुमार गुप्ता, शिवजी सिंह, सरकारी पीपी नगेंद्र सिंह सुनवाई के दौरान उपस्थित थे।
इसी बर्ष मार्च में दोषी करार दिए गये थे दसो अभियुक्त
Imran murder case आरा। 9 मार्च 2021 को बिहार के आरा शहर के चर्चित बैग कारोबारी इमरान खान हत्या में आरा सिविल कोर्ट ने खुर्शीद कुरैशी सहित दस आरोपितों को दोषी पाया था। आरोपितों में एक खुर्शीद कुरैशी का भाई अबदुल्ला भी शामिल है। दोषी पाये जाने के बाद कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार के कोर्ट ने सभी आरोपितों को हत्या, आपराधिक षड़यंत्र आर्म्स एक्ट और रंगदारी के लिये भय पैदा करने में दोषी पाया था।
इस मामले में एपीपी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने ही अभियोजन की ओर से बहस की गयी थी। 6 दिसंबर 2018 को दिनदहाड़े धर्मन चौक स्थित शोभा मार्केट पर अंधाधुंध फार्यंरिग की गयी थी। उसमें दूध कटोरा निवासी बैग कारोबारी इमरान खान की मौत हो गयी थी। वही इमरान के भाई अकील अहमद और एक बीएसएनएल कर्मी भी गोली लगने से जख्मी हो गये थे। उसे लेकर अकील अहमद के बयान पर टाउन थाना में खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई सहित अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।
उसमें कहा गया था कि उससे दस लाख रुपये रंगदारी की मांग की गयी थी। पैसे देने से इंकार किया तो आरोपितों द्वारा उन पर अंधाधुंध गोली चलायी गयी। उसमें इमरान की मौत हो गयी, जबकि उनके भाई अकील अहमद और एक कर्मी जख्मी हो गये थे। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार ने भादवि की धारा 387/34, 302/34, 307/34,120 (बी ) व 27 आर्म्स एक्ट तहत खुर्शीद कुरैशी उसके भाई अब्दुल्ला कुरैशी, नजीरगंज के राजू खान, रौजा मोहल्ला के अनवर कुरैशी, मिल्की मोहल्ला के अहमद मियां, खेताड़ी मोहल्ला के बब्ली मियां, तौशिफ आलम व फुरचन उर्फ फुचन मियां, रोजा के गुड्डू मियां व अबरपुल मुहल्ला शमशेर मियां को दोषी करार दिये।
दिनदहाड़े गोलियां बरसाकर इमरान की हुई थी हत्या
Imran murder case आरा। 6 दिसंबर 2018 को शहर के काफी भीड़-भाड़ वाले धर्मन चौक के पास बैग और बेल्ट कारोबारी इमरान को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था। उसे नजदीक से दर्जन भर गोलियां मारी गयी थी। उस दौरान अंधाधुंध फार्यंरग की गयी थी। इसमें इमरान के भाई और बगल में काम कर रहे बीएसएनएल के एक कर्मी को भी गोली लग गयी थी। दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना से पूरा शहर दहल उठा था। गोलियों की आवाज सुन लोग भाग गये थे। कुछ देर के बाद जब गोली बारी थमी, तब लोगों को इमरान के मारे जाने और दो लोगों गोली लगने की खबर मिली थी।
उस घटना के बाद जबरदस्त बवाल भी मचा था। गोलीबारी थमने के बाद उस मामले में कभी डॉन के नाम से चर्चित रहे खुर्शीद कुरैशी का नाम आया था। बहुत दिनों के बाद खुर्शीद कुरैशी के अपराध की दुनिया में लौटने से सनसनी मच गयी थी। छानबीन में पुलिस को पता चला कि धर्मन चौक स्थित मार्केट पर कब्जा को लेकर खुर्शीद और इमरान में विवाद था। उसी में घटना को अंजाम दिया गया था।
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