Vedic Day: आरा शहर के शुभ नारायण नगर स्थित ‘शांति स्मृति’ संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के जुबली हाल में गुरुवार को ‘सनातनी गंगा फाउंडेशन’ द्वारा वैदिक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- हाइलाइट: Vedic Day
- पुरे विश्व की सभी समस्याओं का उतर वेद में हैं-आचार्य धर्मेंद्र तिवारी
- वेद में मानव जीवन के ज्ञान का भंडार-डाॅ.अर्चना सिंह
- मंदिरों के जीर्णोद्धार व गुरुकुलों के पुनर्स्थापना हेतु वैदिक दिवस का आयोजन
- ‘आधुनिक समाज में वेदो का महत्व’ विषय पर हुआ भाषण प्रतियोगिता
आरा। शहर के शुभ नारायण नगर स्थित ‘शांति स्मृति’ संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के जुबली हाल में गुरुवार को ‘सनातनी गंगा फाउंडेशन’ द्वारा वैदिक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सनातनी गंगा फाउंडेशन की अध्यक्ष सह संभावना स्कूल की प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह एवं संचालन वरीय शिक्षक अरविंद कुमार ओझा ने की।
मुख्य अतिथि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी, संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र, प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित एवं चारों वेदों की पूजा कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा जीवन के संविधान का नाम वेद है। आधुनिक दौर में समस्या का सबसे बडा कारण यह है कि हम किसी का आभार यानि कृतज्ञता व्यक्त नही करते है। वेद ही सिखाता है कि हमें हर किसी का कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।
वेद जैसा पुरुषार्थ वाला कोई ग्रंथ नही है। वेद अद्वितीय है। यह परमात्मा की श्रुति से निकला है। पुरे विश्व की सभी समस्याओं का उतर वेद में हैं। जितने भी रोग हैं उसका निवारण भी वेद में है। वेद ने पुरे विश्व को अपना माना है। वेद कहता है कि संसार में जितने हैं। सब हमारे हैं और हम सबके हैं।
जो देख नही सकते जो सुन नही सकते। उनको भी वेद ज्ञान देता है। वेद ही पृथ्वी से लेकर अंतरिक्ष तक शांति का संदेश देता है। सनातन अन्नत है। सनातन व्यापकता है। आज जरुरत है हम सभी को सनातन संस्कृति को बचाने की।
वही डाॕ. अर्चना सिंह (अध्यक्ष, सनातनी गंगा फाउंडेशन, भोजपुर) ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि वेद मानव जीवन के ज्ञान का भंडार है। वेदो में हमारे गौरवशाली संस्कृति, इतिहास का समायोजन है। जब आधुनिक युग में विमान नही बना था। तब हमारे वेद व पुराण में पुष्पक विमान का जिक्र हुआ था।
अंग प्रत्यारोपण का सबसे बडा उदाहरण भगवान गणेश है। जब आधुनिक विज्ञान को पृथ्वी और सूर्य के बीच दूरी का भान नही था। तब हमारे वेद ने “युग सहस्त्र योजन को भानु” के माध्यम से दूरी माप ली थी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में अपने गौरवशाली इतिहास को जानना ही असली पूंजी है।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि आचार्य धर्मेंद्र तिवारी को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं के बीच ‘आधुनिक समाज में वेदो का महत्व’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 3 छात्रों एवं 11 छात्राओं ने भाग लिया।
प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार सुहानी दूबे, द्वितीय पुरस्कार श्रेया गांधी एवं तृतीय पुरस्कार वैष्णवी गांधी एवं व श्रुति राज को दिया गया। वही हार्दिक आनंद, आराध्या, आतिया करीम, आन्या कुमारी यादव, आदित्य प्रकाश मिश्र, हर्ष प्रिया, अशिवरा, आयुष कुमार, अर्पिता कुमारी, रितिका कुमारी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
भाषण प्रतियोगिता में शामिल बच्चों को अतिथियों द्वारा मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन श्री रामनवमी शोभायात्रा समिति के नवीन प्रकाश ने किया। इस अवसर पर विरेन्द्र सिंह एवं विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिका एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहें।



